भूमि की वसूली एवं मासिक लाभ का फरमान
कोर्ट में ……..
सूट नंबर ……… 20……
एतद्द्वारा यह फरमान इस प्रकार है:
1. यह कि प्रतिवादी को वादी को निर्दिष्ट संपत्ति के कब्जे में रखना है, इसके साथ संलग्न अनुसूची है।
2. कि प्रतिवादी वादी को ............ की राशि का भुगतान करने के लिए, उस पर ब्याज के साथ ......................... की दर से। मासिक लाभ के कारण वसूली की तारीख तक प्रतिशत प्रति वर्ष जो सूट की संस्था से पहले देय है।
या
2. यह कि वाद के संस्थापन से पूर्व देय मासिक लाभ के संबंध में जांच की जाए।
3. यह कि वाद की संस्था से [डिक्री-धारक को कब्जे की सुपुर्दगी] [निर्णय-देनदार द्वारा कब्जे का त्याग डिक्री-धारक को नोटिस के साथ किए जाने तक मासिक लाभ की राशि के बारे में जांच की जाए। कोर्ट] [डिक्री की तारीख से तीन साल की समाप्ति]।
अनुसूची
उच्च न्यायालय में संशोधन
आंध्र प्रदेश :
जैसा कि मद्रास उच्च न्यायालय ने किया है।
केरल :
जैसा कि मद्रास उच्च न्यायालय ने किया है।
मद्रास :
निम्नलिखित नया फॉर्म नंबर 24 डालें।
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